Taurus Vrishabha rashi – वृषभ शुक्र के स्वामित्व की पहली राशी है| शुक्र को ज्योतिष में एक शुभ और विलासिता का ग्रह माना गया है और वृषभ Natural Zodiac का दूसरा घर है जो धन संपत्ति और कुटुंब का भाव है इसलिए दुनियादारी के हिसाब से ये एक महत्वपूर्ण भाव बनता है| अब जरा इस राशी के चिह्न पर गौर कीजिये|
वृषभ राशि का चिह्न बैल है – जो एक संतुष्ट, प्रतिबद्ध और बेफिक्र जानवर है| बैल के बारे में जरा सोचिये – आलीशान, धीर, गंभीर, धैर्य से बहुत देर तक एक ही जगह खड़ा रहता है और अगर सड़क पर खड़े बैल को कोई छेड़ भी दे तो ये काफी देर तक चुपचाप खड़ा रहता है या अपनी शानदार चाल से धीरे धीरे वहां से चला जाता है| ये आकर्षित करने के साथ विस्मय और डर भी पैदा करता है|
वृषभ राशि (Taurus Vrishabha in Hindi) वालों में अनूठा धैर्य, सहनशक्ति और स्थिरता होती है| पर इस राशी का outlook कुछ कठोर एवं सख्त भी होता है|
जब हम राशी की बात करते हैं तो इसका मतलब है की आपकी जन्म कुंडली में जहाँ पर भी चन्द्रमा या Moon स्थित होता है उस भाव को राशी कहते हैं| इस तरह वृषभ राशी का मतलब जिस कुंडली में भी चन्द्रमा (Moon) वृषभ राशी (Taurus sign) में स्थित हो तो वो जातक वृषभ राशी का जातक कहलायेगा|
ज्योतिष में हर राशी का:
अपना स्वाभाव होता है जैसे स्थिर राशी – चर राशी (fixed – movable sign), अपना लिंग होता है (male-female), अपना तत्व होता है (अग्नि, वायु…), दिन रात का बल होता है (दिवा बलि – रात्रि बलि), अपनी दिशा (direction) होती है, रहने की जगह होती है, राशी के उठने का style होता है तथा इनके पद भी होते हैं| (चार पैरों वाली – दो पैरों वाली आदि)
राशी के इन उपरोक्त बातों का हमारे जीवन से क्या सम्बन्ध है?
ज्योतिष में चन्द्रमा को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है क्यूंकि शास्त्र कहते हैं “चन्द्रमा मनस्सोजातः” यानि चन्द्रमा मन का कारक है| हमारी सोच, emotions, चिंताशक्ति सब चन्द्र से प्रभावित है| इसीलिए जिस राशी में चन्द्रमा होगा उस राशी का तथा उस राशी के स्वामी का असर हमारी सोच, बुद्धि व चिंताशक्ति पर होगा|
चन्द्रमा चूंकि राशीश होते हुए, मन मस्तिष्क का कारक है तो उपरोक्त चीजें हमारे पसंद नापसंद, मानसिक झुकाव एवं कार्य करने के तरीकों को प्रभावित करती हैं|
वृषभ राशी (Taurus Vrishabha in Hindi) के लोगों की कुछ विशेषतायें
- शुक्र के स्वामित्व की वजह से विलासिता प्रेमी, मनभावन एवं विलासिता की चीजों से घिरा रहना
- धन. संपत्ति और status के प्रेमी
- अमूमन व्यापार में श्रेष्ठ
- व्यावहारिक
- विश्वसनीय
- सब्र रखने वाले
- प्यार और स्नेह करने वाले
- भरोसेमंद
- महत्वाकांक्षी और उद्यमी
- प्यार सौन्दर्य संगीत प्रेमी
- कामुक होते हुए sex के शौकीन
- एहतियाती
- चौकस
- उपहार देने में काफी उदार
- इस राशि के लोग काफी देर तक गुस्से को रोक नहीं सकते
वृषभ राशी के कुछ नकारात्मक गुण
- Possessiveness
- हठधर्मिता
- भोगासक्त
- घमंडी
- पक्षपाती
- स्वार्थी
- ज्यादातर प्रतिशोधी
- स्थिर और कठोर प्रवृत्ति
- आलसी
- Inflexible
- कभी कभी ये डींग हांकने वाले भी होते हैं
वृषभ (Taurus Vrishabha in Hindi) एक अटल और ढृढ़ राशी है जिसे अकेले रहने में कोई आपत्ति नहीं है बल्कि अकेले में बिना किस दखलंदाजी के इन्हें स्वतंत्र काम करना अच्छा लगता है| अपनी ढृढ़ता और अटलता से ये अपने सब कार्यों को सफलता से पूर्ण करने में सक्षम होते हैं| इनके कुछ करीबी “मित्र” होते हैं बनिस्बत बहुत सारे “परिचयों” के| अपने मित्रों को ये परिवार की तरह समझते हैं और बहुत ही विश्वसनीय और पूर्ण भरोसेमंद होते हैं|
रिश्तों में वृषभ राशी के स्त्री जातक
वृषभ राशि (Taurus Vrishabha in Hindi) की स्त्रीयां सुन्दर और आकर्षित करने वाली होती हैं| अपने इच्छित साथी को पाने के लिए इनमे अतुलनीय सब्र रहती है और चाहे प्रलोभन, फरेब या लुभाना – कुछ भी प्रयोग कर ये उन्हें पा लेती हैं| रिश्तों में इन्हें स्थायित्व की जरूरत रहती है और ये उस पार्टनर को सहन नहीं कर सकती जो इनसे इमानदार न हो या जिनका भविष्य अनिश्चित हो|
ये स्त्री जातक कुछ पुराने ज़माने के टाइप के, बहुत ही व्यावहारिक, protective, supportive, विश्वसनीय और पूरी तरह निष्ठावान होती हैं| अगर कहीं इनका विश्वास तोड दिया जाये तो उसे फिर वापस पाना तकरीबन असंभव होता है| वृषभ राशी का आदर्श जोड़ा कन्या राशी, मकर राशी और कर्क राशी है|
रिश्तों में वृषभ राशी के पुरुष जातक
वृषभ राशी (Taurus Vrishabha in Hindi) के पुरुष जातक स्त्री का सान्निध्य पसंद करतें हैं| ये काफी समझदार होते हैं और रिश्तों में आशिक टाइप नहीं होते| ये temporary relationship को नहीं चाहते बल्कि इन्हें दीर्घकालीन रिश्ते के लिए उत्तम साथी की तलाश रहती है|
रिश्तों में ये बिलकुल जल्दबाजी नहीं करते| ये लोग काफी सब्र रखते हुए पार्टनर को तसल्ली से जांच परख कर के ही सम्बन्ध बनाते हैं तब जब इन्हें तसल्ली हो जाये की इनके पार्टनर के पास इनको offer करने को वो सब है जिनकी इन्हें तलाश है| एक बार ये रिश्ता स्थापित कर लें फिर ये अपने पार्टनर को काफी ऊँचे स्थान पर रख कर सम्पूर्ण प्यार, protection, विश्वास एवं सुख सुविधा न्यौछावर कर देते हैं|
ज्योतिष मंडल की दूसरी राशि वृषभ (Taurus Vrishabha in Hindi) है| इसका वर्ण श्वेत, कद छोटा, विशिष्ट मुख एवं आँखें, बड़े कान एवं मोटा मजबूत गला होता है|
इस वर्णन का मतलब ये नहीं की इस राशी के जातक ऐसे ही होंगे, overall ऐसी personality होगी तथा साथ ही लग्न, लग्न में बैठे या लग्न को दृष्टि देने वाले ग्रह, लग्न का नक्षत्र आदि अन्य चीजें मिलकर ही पूरी personality तय करती है|
वृषभ (Taurus Vrishabha in Hindi) एक स्त्री राशी, स्थिर राशी (fixed sign) एवं चतुष्पद (quadruped) राशि है जो रात्री में प्रबल होती है| यह पीछे से याने पृष्ठ भाग से उठने वाली राशी है जिसे “पृष्ठोदय राशी” कहता हैं तथा जिसकी दिशा दक्षिण है और ये हरे खेतों में रहने वाली राशी है| ये पृथ्वी तत्व की राशि है| चन्द्रमा इस राशी में उच्च के होते हैं और कोई ग्रह यहाँ नीच के नहीं होते| वृषभ राशि के मारक गृह मंगल, बाधक स्थान मीन और बाधकापति ब्रहस्पति हैं|


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